अहैलेल हे हमर पिरिय सङीसब, परमेस्वर अपनासबके देल यि परतिग्या अनुसार देह आ आत्माके असुध बनाबैबला हर किसिमके बातसे अपनासब दुरे रह आ परमेस्वरके डर मानैत औरो पबितर हैत चल।
स्वरगसे एकटा दोसर अबाज एहेन कहैत हम सुनलियै, “हे हमर लोकसब, ओतेसे निकैलके या। नै त तुहुसब महानगरीके पापसबमे सहभागी हेब्ही आ ओकर बिपतसब तुहुसब भोगबिही।