3 कथिलेकी जब अपनासब स्वरगिय देह बस्तर जखा लगाइबै, तब अपनासब स्वरगमे आत्मा सहितके देह पाब्बै।
हमसब अइ सन्सारमे रहैतकाल बेचैन रहैचियै आ अपनासबके स्वरगिय देह बस्तर लखा लगाइले उतकट इक्छा करैचियै।
हमसब यि देहमे रहैतक बोझसे दब्याके छटपटाबैचियै। अइ देहके मैरके त्यागबै कैहके नै छटपटाबैचियै बरु कहिया स्वरगिय देह बस्तर जखा लगाइबै कैहके चियै, ताकि नास हैबला देह कहियो नास नै हैबला देहमे बदैलजेतै।
“देख, हम चोर जखा अनचेकेमे एबौ। उ लोक धैनके चियै, जे जागल रहैछै आ आपन बस्तरके जोग्याके राखैछै। उ लोकके नाङटे चले नै परतै आ लोकसबके बिचमे लाजमे नै परतै!”
अहैलेल हम तोरा यि सल्लाह दैचियौ कि, धनिक हैकेलेल आइगसे खारल निखुर सोना हमरसे किन। आपन नाङट आङके लाज झापैके लेल उजर बस्तर हमरसे किनके लगा आ आँखसे देखे सकैबला हैकेलेल हमरे मलहम किनके लगा।