16 ओहैसे हमसब कहियो हरेस नै खाइचियै। अपनासबके सारिरीक बल घटैत ज्यारहलछै, तैयो अपनासबके भितरी आत्मिक बल दिन-दिने लया हैत ज्यारहलछै।
हमरासबके दिन-दिनके खाना सबदिन दिय,
अइ सन्सारके लोकसब जखा देखासेखी नै कर महज आपन सोच-बिचार परमेस्वरके परिबरतन करैले दहै। तब परमेस्वरके असल, मनपरैबला आ सिध इक्छा कथी चियै से तुसब जानबिही।
कथिलेत हमर मन परमेस्वरके बेबस्थामे आनन्दित हैछै।
तैखातिर हे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, बिस्बासमे बलगर आ अस्थिर रह। तुसब परभुके काममे बरहैत जो, कथिलेत तुसब जानैचिही कि परभुमे तोरासबके मेहनत बेरथ नै हेतौ।
तोरासबके भलाइके लेल हमरसङे भेल सब चिज खुसिसे देबौ आ अपना स्वयमके देबौ। यदि हम तोरासबके बेसी परेम करैचियौ त कथिले हमरा कमतियै परेम करैचिही?
परमेस्वर दयालु भेलाके कारनसे यि सेबाके काम हमरासबके देनेछै। ओहै खातिर हमसब हरेस नै खाइचियै।
ओकर महान सम्पैत आ आत्मासे तोरासबके सक्ती मिले। उ सक्ती तोरासबके आत्म बल बरहैत जाए कैहके हम परमेस्वरसङे परथना करैचियौ।
परमेस्वर आत्मासे तोरासबके सब सोचबिचार आ चालचलन लया हेबे।
आब त तुसब लया स्वभाब धारन करनेचिही। तुसब परमेस्वरके पुरा ग्यान पाबैले सक कैहके सिरिस्टीकरता आपन स्वरुपमे तोरासबके लया बन्यारहलछौ।
तब उ अपनासबके बचेल्कै। अपनासब कोनो धरम-करम करलाके कारन नै महज ओकर दया आपनसबमे भेलाके कारन बचेल्कै। ओकर पबितर आत्मासे अपनासबके पाप धुवाके अपनासबके नया जलम आ नया जिबन देल्कै।
बरु तोरासबके भितरी हिरदयके नरम आ सान्त आत्माके नास नै हैबला मोतिसे सजा, जे परमेस्वरके नजरमे बहौत मोलके चियै।
खिरिस्टके पछा चलैके कारन तोरासबके अपमान करैछौ त, तुसब धन्यके चिही, कथिलेकी परमेस्वरके महिमीत आत्मा तोरासबमे रहैछौ।