33 महज हमरा ढकियामे राइखके दबालके खिरकीसे निचा झाइर देल्कै आ हम ओकर हाथसे उमैक गेलियै।
एक दिन ओकर चेलासब रातमे ढकियामे बैठाके सहरसे बाहर दबालके खिरकीबाटे ओइकात गिरा देल्कै।