19 तुसब आपनके अतहेक बुधिमान ठानैचिही कि खुसिसे मुरखसबके बेबहारके सहैचिही।
तुसब बुधियार लोक चिही कैहके हम यि बात कहैचियौ, तुसब आपनेसे हमर कहल बातसबके गौरसे बिचार कर।
हमसब खिरिस्टके सेबक भेलासे लोकसबके नजरमे मुरुख भेलचियै, महज तुसब त खिरिस्टके लेल बुधिमान चिही। हमसब कमजोर चियै, महज तुसब बौकार चिही। लोकसब त तोरासबके आदर करैछौ महज हमरासबके अनादर करैछै।
आब हम मुरुतिके चरह्याल खाइबला चिजके बारेमे कहैचियौ। अपनासब जान्बे करैचियै कि, अकर बारेमे अपनासब सङे ग्यान छै। ग्यान लोकके घमन्डी बनाबैछै महज परेम लोकके उन्नती कराबैछै।
तोहर करल मेहनतके काम आ तोहर धिरज हमरा थाहछै। तु दुस्ट लोकसबके सहन करैले नै सकैचिही कैहके हमरा सेहो थाहछै। परेरित नै चियै तैयो आपनके परेरित कहैबलासबके तु जाँच कैरके झुठ साँच पता लगाइनेचिही सेहो थाहछै।
हम धनिक चियै आ हमरा कोनो चिजके कमी नै छै कैहके कहैचिही महज तोरा आपने दसा थाहे नै छौ कि तु दुखी, दया लागैबला, गरिब, आन्हर आ नाङटे चिही।