9 हम चिठीसब लिखके तोरासबके डर देखाइले नै चाहैचियौ।
तैखातिर परभु नै आबैतक ककरो दोस नै लगा। आब अन्हारमे घोसरल बातसब उ इजोतमे लाबतै आ लोकके मनभितरके बिचारसब परकट करतै। तब सबलोक परमेस्वरसे आपन परसन्सा पाबतै।
कतहेक लोक कहैछै, “पावलके चिठीसब गम्भीर आ करा हैछै, महज उ आपने हैतकाल कमजोर हैछै आ ओकर बोली कोनो महत्वके नै हैछै।”
परभुके देल हमरासबके अधिकारके बारेमे हम बरका बरका बात करबै तैयो लाजमे नै परबै, कथिलेकी यि अधिकार तोरासबके बिगार करैके लेल नै महज सुधारके लेल चियै।