अन्तमे हमर पिरिय भाइ-भैयासब, आब हम बिदा हैत बेर, तोरासबके यि कहैले चाहैचियौ, कि जीजानसे सिध हैले कोसिस कर। हमर बिन्ती सुन, एक-दोसरके बात सुन आ सान्तीमे रह। सान्ती आ परेम दैबला परमेस्वर तोरासबसङे रहे।
ओइ बखत हम बिमार छेलियौ त तोरासबके दिकत भेलछेलौ, तैयो तुसब हमरा छि-छि आ दुर-दुर नै करलिही। महज उन्टे तुसब त परमेस्वरके एकटा दुत आ खिरिस्टे जखा हमरा स्वागत करलिही।