अहैलेल हे हमर पिरिय सङीसब, परमेस्वर अपनासबके देल यि परतिग्या अनुसार देह आ आत्माके असुध बनाबैबला हर किसिमके बातसे अपनासब दुरे रह आ परमेस्वरके डर मानैत औरो पबितर हैत चल।
मुख बात यह्या चियै कि तोरासबके चाल-चलन खिरिस्टके सुसमाचार अनुसार सोहाइबला हेबे। हम चाहे तोरासबके भेट-मुलकात करी, चाहे दुर रही तुसब एकेटा उदेस्य ल्याके अस्थिर चिही आ एकेटा मन भ्याके सुसमाचारके बिस्बासके लेल मेहनत कैररहल चिही कैहके हम सुनैले पाबी।
परमेस्वरे हमरौरके बचेल्कै आ आपन पबितर बोलाबटसे बोलाइल्कै। हमरौरके काम देखके नै, महज उ आपन इक्छा आ अनुगरहसे करने छै, जे उ खिरिस्ट येसुमे जुगो-जुग पहिनेसे हमरासबके देने छेलै।
यि बातसब साँचोके चियै। हम चाहैचियै कि अइ बातसबमे जोर दिय, ताकि जे परमेस्वरमे बिस्बास करने छै उसब असल काममे धियान देबे। कथिलेकी यि सब लोकसबके लेल असल आ फाइदाके बात चियै।
“फिलाडेल्फियाके मन्डलीके देख-भाल करैबला दुतके यि लिख, ‘उ जे पबितर आ सत छै, जकर हाथमे दाउदके कुजी छै आ जकर खोलल केबार कोइ नै बन्द करैले सक्तै या बन्द करल केबार कोइ नै खोलैले सक्तै।