पिलातस ओकरा पुछल्कै, “कि तु रजे चिही त?” तब येसु जबाफ देल्कै, “हम रजा चियै कैहके अहै त कहैचियै। हम अहै खातिर यि सन्सारमे जलम लेलियै आ सतके बारेमे गबाही दैले सन्सारमे एलियै। जे सतके पक्छमेछै, से हमर बात सुनैछै।”
परमेस्वरके परेमसे अपनासबके कोनो चिज अलग करैले नै सक्तै। नै त मिरतु, नै त जिबन, नै स्वरगदुतसब, नै त सन्सारके सासकसब, नै त अखुनके या भबिसके बातसब, नै त कोनो सक्तीसब,
तब अहै खातिर हम दुख उठाइचियै। महज यि बातके खातिर हम लाज नै मानैचियै, कथिलेत हम ककर उपर बिस्बास करनेचियै से हम निकसे जानैचियै। हम जे कुछ परमेस्वरके सौपने चियै, उ आपन आबैबला दिनतक सुरक्छित राख्तै कैहके पुरा भरोसा छै।