यदि तु बियाह करबो करबिही त उ पाप नै चियै। तहिनङे यदि कुमाइर छौरी बियाह करतै त उ पाप नै करैछै। तैयो बियाह करैबलासबके अइ सन्सारमे झनझट हैछै आ हम तोरासबके अइसे बचाइले चाहैचियौ।
अन्तमे, भाइ-भैयासब, जे बात सत छै, जे बात असल छै, जे बात नियाय संगत छै, जे बात पबितर छै, जे बात परेम योग्य छै, जे बात किरपाके योग्य छै, अरथात जे आदरके योग्य छै आ परसन्साके योग्य छै तैमे मन लगा।