16 जनङकी पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै, “के परभुके मनके जान्ने छै? ओकरा के सिखाइले सकल छै?” महज हमसब यि बात जानैचियै, कथिलेत अपनासबसङे खिरिस्टके मन छै।
आबसे हम तोरासबके नोकर नै कहबौ, कथिलेकी मालिक कथी कैररहलछै से नोकर नै जानैछै। महज हम तोरासबके सङी कैहरहल चियौ, कथिलेकी हमर पितासे हम जे सुन्ने चियै से सब तोरासबके कैहदेने चियौ।
परभुके मनके कोइ नै जानैले सक्ने छै। ओकरा कोइ नै सल्लाह दैले सक्तै।
ककरो पबितर आत्मासे बुधिके बात बोलैबला, ककरो ओह्या पबितर आत्मा ग्यानके बात बोलैबला बरदान दैछै।