14 जै लोकमे परमेस्वरके आत्मा नै छै, उ लोक परमेस्वरके आत्माके बातसबके गरहन नै करैछै। कथिलेत एहैन बातसब ओकरलेल मुरुख बात हैछै। एहैन बात त परमेस्वरके आत्मासे मातरे बुझैले सकैछै।
महज यि बात त खालि अहाँसबके धरमसास्तरके नियम समबन्धमे सब्द आ नाममे मातरे बिबाद छै। तै खातिर तुसब आपनेसे अकर नियाय कर। हमरा यि बातसे कोनो लेना-देना नै छै।”