36 हे मुरुख लोक! तुसब जे बिया छिटैचिही, से बिया नै मरतै त जलमबे नै करतै।
हे मुरुख लोक, जे बाहरके भाग बनाइनेछै, उहे भितरोके बनाइने नै छै त?
महज परमेस्वर ओइ धनिक लोकके कहल्कै, ‘हे मुरुख लोक, आइए रातमे तोहर देहसे तोहर परान तोरा छोइरके चैलजेतौ, अतहेक चिजसब तु अपनलेल जे जमा करनेचिही, बिहान यीसब ककर हेतौ?’”
तब येसु ओइसबके कहल्कै, “तुसब केहन मुरुख लोकसब चिही, तोरासबके हिरदय अतहेक मोट भ्यागेल्छौ, कि अगमबक्तो सबके कहलहा बातके बिस्बास नै करैचिही?
हम तोरासबके साँचोके कहैचियौ, जाबेतक गहुमके दाना माटीमे पैरके नै मरैछै ताबेतक उ एकटा दाना मातरे रहैछै। महज यदि उ मैरजाइछै त, बहौत फल फराइछै।
उसब आपनेके बुधियार ठानल्कै महज मुरुख भेलै।
तुसब गहुम या कोनो किसिमके अन छिटैचिही त बिया मातरे छिटैचिही, बरहल गाछ त नै रोपैचिही।
अहै खातिर, केहेन चालचलन चले परतौ तैमे निकसे धियान दहै, मुरुख नै महज बुधिमान हो।
हे मुरुख, काम बिनाके बिस्बास बेरथ हैछै से बात तोरासबके थाह नै छौ?