18 तब त खिरिस्टमे बिस्बास कैरके मरलहासब सेहो नास भेल छै।
उ ठेङहुनिया द्याके जोरसे कहल्कै, “हे परभु, यि पापके दोस अकरौरके नै लागे।” अतहेक कहलाके बाद ओकर परान छुइटगेलै।
तकरबाद उ पाँच सयसे बेसि बिस्बासी भाइ-भैयासब लग एके साथ परगट भेलै। ओकरा देखैबलासब कतहेक गोरे मैरगेलै आ कतहेक गोरे अखुन्तो जिबित छै।
परभुके कहल बचन अनुसारे त तोरासबके कहैचियौ कि परभु फेनसे आबैबला दिनतक अपनासब जिबित भेल्हासब कोनोभी हालतमे मरलहा लोकसबसे अगा ओकरा नै भेटबै।
कथिलेकी परभु जखने हुकुमके अबाज देतै आ परमुख स्वरग दुतके अबाज आ तुरहीके अबाज हेतै तखने खिरिस्टमे बिस्बास कैरके मरलहा लोकसब सबसे पहिने जिबित भ्याके उठतै।
तब स्वरगसे हम एकटा एहेन अबाज सुनलियै, “यि बात लिख: आबसे परभुके सेबा करैत-करैत मरैबला लोक धन्यके चियै।” पबितर आत्मा अनङ जबाफ देल्कै, “साँचेके! उसब आपन आपन मेहनतसे आराम पाबतै, कथिलेत उसब आपन करल काम अनुसार इनाम पाबतै।”