31 तुसब सबकोइ एक-एक कैरके अगमबानी बोलैले सकबिही आ अहिनङ कैरके सबकोइ सिखे सकबिही तब सबकोइ उत्साह पाबबिही।
हमर बिस्बाससे तोरासबके आ तोरासबके बिस्बाससे हमरा उत्साह मिले कैहके हमर इक्छाछै।
मन्डलीमे दस हजार सब्द आन भसामे बोलेसे त बरु औरो लोक हमर बात बुझे कैहके पाँचटा सब्द मातरे बोलैले चाहैचियै।
महज जे अगमबानी बोलैछै, उ दोसर लोकसबके आत्मिक रुपमे बौकार बनाबैछै, हौसला दैछै आ सान्तबना दैछै।
महज बोलैत खिना औरो ककरो परमेस्वरसे कोनो सत बात परकट हैछै त पहिनेसे बोलैबला लोक चुप हेबे।
अगमबक्तासबके आत्मा अगमबक्तेसबके अधिनमे रहैछै।
कोनो बातके बारेमे उसब पुछैले चाहैछै त, उसब घरेमे आपन-आपन घरबलाके पुछे। कथिलेत जनिसब मन्डलीमे बजनाइ सरमके बात चियै।
परमेस्वरसे पाबलहा सान्तबनासे हमसब दुखमे परलहासबके सेहो सान्तबना दैले सकि कैहके उ अपनासबके सब दुखमे सान्तबना दैछै।
हमरासबके हालखबर केहन छै, उ सुइनके तोरासबके हिम्मत बरहे कैहके हम ओकरा तोरासबलग पठाइनेचियौ।
हम अनङ करनेचियै ताकी ओइसबके हिरदयमे साहस मिले आ परेममे सङे जुरल रहे। अनङ हेतै त उसब आत्मिक रुपसे एकदमसे धनिक भ्याके परमेस्वरके रहसके ग्यान जे येसु खिरिस्ट चियै ओकरा पुरा रुपसे बुझैले सक्तै।
अहैलेल यि बातसबसे एक दोसरके उत्साह दैत रह।
ओहै लेल तुसब एक दोसरके उत्साह दहै आ बिस्बासमे बलगर बना, जनङ तुसब करैत आइबरहल चिही।
देख हमर भाइ-भैयासब, कोढिया लोकसबके चेताबनी दहै, हरेस खाल लोकसबके साहस दहै, कमजोर लोकसबके मदत कर आ सबगोरासे सैहके रह कहैके हमसब तोरासबके बिन्ती करैचियौ।
परमेस्वरके अगमबानीके तुच्छ नै ठान।