30 महज बोलैत खिना औरो ककरो परमेस्वरसे कोनो सत बात परकट हैछै त पहिनेसे बोलैबला लोक चुप हेबे।
हे हमर भाइ-भैयासब, आब हम कथी कहबौ? तुसब एकसाथ जम्मा हैचिही त कोइ भजन गाबैछै, कोइ सिक्छा दैछै, कोइ परमेस्वरसे परगट भेल बात कहैछै, कोइ आन भसा बोलैछै आ कोइ आन भसाके अरथ खोइलदैछै। यि सब बातसबसे मन्डलीके आत्मिक तवरसे बिरधी कराबैछै।
अगमबानी बोलैबला दुइ या तिन गोरा हेबे आ ओइसबके बोलल बात ठिक छै कि नै छै से औरोसब जाँच करे।
तुसब सबकोइ एक-एक कैरके अगमबानी बोलैले सकबिही आ अहिनङ कैरके सबकोइ सिखे सकबिही तब सबकोइ उत्साह पाबबिही।
तैखातिर हे भाइ-भैयासब, यदि हम तोरासबके बिचमे आन भसामे बोल्बौ त तोरासबके कि फाइदा हेतौ? बरु परमेस्वरसे एल कोनो बातके परकास आ ग्यान-गुनके बात, अगमबानी या सिक्छा हम देबौ त तोरासबके फाइदा हेतौ।