18 हम परमेस्वरके धन्यबाद दैचियै, कथिलेत हम तोरासबसे बेसि आन भसामे बोलैचियै।
परमेस्वरके तु निकसे धन्यबाद देब्ही, महज ओइसे दोसर लोकके आत्मिक बिरधी नै करैछै।
मन्डलीमे दस हजार सब्द आन भसामे बोलेसे त बरु औरो लोक हमर बात बुझे कैहके पाँचटा सब्द मातरे बोलैले चाहैचियै।
कथिलेत जे आन भसामे बोलैछै उ लोकसबसङे नै, महज परमेस्वरसङे बोलैछै। उ कथी बोलैछै से कोइने बुझैछै, उ त पबितर आत्मासे रहसके बातसब बोलैछै।
जे आन भसामे बोलैछै, उ आपन आत्मिक बिरधी करैछै, महज जे अगमबानी बोलैछै, उ पुरे मन्डलीके आत्मिक बिरधी कराबैछै।
तु सबकोइ आन भसा बोल कैहके हम चाहैचियौ, महज ओकरसे बेसि तुसब अगमबानी बोल कैहके हम चाहैचियौ। कथिलेत आन भसामे बोलेसे त बरु अगमबानी बोलनाइ बरका चियै। आन भसाके अरथ खोइल दैबला लोक रहतै तब मातरे मन्डलीके बिस्बासीसबके आत्मिक तवरमे बलगर बनाइतै।
के तोरासबके औरोसे बरका बनेल्कौ? कि तोरासबसङे जे छौ, उ परमेस्वर नै देल्कौ? यदि तुसब उ पाबनेचिही त, कथिले घमन्ड करैचिही?