1 यदि हम लोकसबके किसिम-किसिमके भसा आ स्वरगदुतसबके भसामे बाज्बै महज हमरमे परेम नै छै त, हम टिङ-टिङ बजैबला घन्टी या झाइ-झाइ करैबला झाइल मातरे हेबै।
तब परभु ओइसबके जबाफ देतै ‘साच्चेके हम तोरासबके कहैचियौ, जे कुछो हमर यि छोट भाइसबके लेल नै करलिही, से हमरो लेल नै करलिही।’
तब बिस्बास करैबलासब यि काम करतै- उसब हमर नाममे भुतसब भगाइतै, आन भसासब बोल्तै,
यदि तु जे खाइचिही ओइसे तोहर आपने भाइके चित दुखैछौ त, तु आपन भाइके परेमे नै करैचिही। खिरिस्ट आपन परान देके बच्याल भाइ तोहर खाइबला चिजसे नास नै हेबे।
ओह्या पबितर आत्मा ककरो अचमके काम करैबला, ककरो अगमबानी बोलैबला, ककरो आत्मासब छुटयाबैबला, ककरो बहौत किसिमके भसासब बोलैबला आ ककरो भसासबके अरथ खोलैबला बरदान दैछै।
तहिनङे यदि कान “हम आँख नै चियौ, ओहैसे हम देहके अङ नै चियौ” कहैछै त, कि उ देहके अङ नै हेतै से?
ककरो पबितर आत्मासे बुधिके बात बोलैबला, ककरो ओह्या पबितर आत्मा ग्यानके बात बोलैबला बरदान दैछै।
परेमके कहियो अन्त नै हैछै। अगमबानीसब बितके जेतै, भसासब बन भ्याजेतै आ ग्यान हर्या जेतै।
कथिलेत जे आन भसामे बोलैछै उ लोकसबसङे नै, महज परमेस्वरसङे बोलैछै। उ कथी बोलैछै से कोइने बुझैछै, उ त पबितर आत्मासे रहसके बातसब बोलैछै।
जे आन भसामे बोलैछै, उ आपन आत्मिक बिरधी करैछै, महज जे अगमबानी बोलैछै, उ पुरे मन्डलीके आत्मिक बिरधी कराबैछै।
तु सबकोइ आन भसा बोल कैहके हम चाहैचियौ, महज ओकरसे बेसि तुसब अगमबानी बोल कैहके हम चाहैचियौ। कथिलेत आन भसामे बोलेसे त बरु अगमबानी बोलनाइ बरका चियै। आन भसाके अरथ खोइल दैबला लोक रहतै तब मातरे मन्डलीके बिस्बासीसबके आत्मिक तवरमे बलगर बनाइतै।
आब हम मुरुतिके चरह्याल खाइबला चिजके बारेमे कहैचियौ। अपनासब जान्बे करैचियै कि, अकर बारेमे अपनासब सङे ग्यान छै। ग्यान लोकके घमन्डी बनाबैछै महज परेम लोकके उन्नती कराबैछै।
उ बखानो करे नै सकैबला बातसब सुनल्कै, जे ककरो कहैले अनुमति नै देल्कै।
महज पबितर आत्माके फलसब- परेम, आनन्द, सान्ती, धिरज, दया, भलाइ, बिस्वस्तता,
खिरिस्ट येसुमे नै त खतनाके नै त बेखतना कोनो मोल छै। महज एकेटा बातके मोल छै, उ यि चियै, अपनासब बिस्बासके कारन एक-दोसरके परेम करैचियै।
हमर कहैके उदेस्य त यि चियै कि बिस्बासीसब एक दोसरके परेम करे, जे परेम सुध हिरदय, असल बिबेक आ साँचोके बिस्बाससे मातरे आबैछै।
सबसे मुख बात यि चियै कि तुसब एक दोसरके पुरा मनसे परेम कर, कथिलेकी परेमसे बहुतो पापसबके झाइपदैछै।
उसब घमन्डी आ मुरुख बात करैछै आ देहके लालसा देखाके भरखर खराब रस्तासे बाहर एलहा लया बिस्बासीसबके फसाबैछै।
हम स्वरगसे बरका पानीके अबाज आ मेघके बरका गरजैके अबाज जखा सुनलियै। उ बिना बज्यारहल बहुत बिना एकसाथ बजाइबलासबके अबाज जखा छेलै।