26 कथिलेत पबितर धरमसास्तरमे लिखलछै, “पिरथिबी आ अइमे भेल सब चिज परमपरभुवेके चियै।”
महज कोनो लोक तोरा “यि त मुरतिके चरह्याल चिज चियौ” कहैछौ त, बताइबला लोकके खातिर आ बिबेकके लेल उ नै खो।
परमेस्वरके सिरिस्टी करल सब चिज एकदम असल छै। अपनासब परमेस्वरके धन्यबाद द्याके लैचियै त इन्कार करैबला कोनो चिज नै छै।
अइ सन्सारमे धनिक भेल लोकसबके घमन्डी नै बन कैहके आग्या दहै। अनिस्चीत धन सम्पैतमे नै महज सब चिज परसस्तसे आपनसबके भोग करैले दैबला परमेस्वरमे भरोसा कर कैहके ओइसबके आग्या दहै।