19 कथिलेकी पबितर धरमसास्तरमे परमेस्वर एहेन कहनेछै, “हम बुधिमान लोकके बुइध नास कैरदेबै आ चतुरसबके चतुराइ भङ कैरदेबै।”
कथिलेत परमेस्वरके अगा सन्सारके बुइध त मुरुख बात चियै। जनङ पबितर धरमसास्तरमे लिखल छै, “उ बुधिमानसबके ओइसबके चतुराइमे पकरैछै।”
हमसब खिरिस्टके सेबक भेलासे लोकसबके नजरमे मुरुख भेलचियै, महज तुसब त खिरिस्टके लेल बुधिमान चिही। हमसब कमजोर चियै, महज तुसब बौकार चिही। लोकसब त तोरासबके आदर करैछौ महज हमरासबके अनादर करैछै।
हे हमर भाइ-भैयासब, तोरासबके भलाइके लेल हम आपने आ अपोल्लोसके उदाहरन द्याके यि सब बातसब लिख्नेचियौ, ताकि तुसब पबितर धरमसास्तर अनुसार जियैले सिख आ तुसब एक गोरेके पक्छ ल्याके दोसरके बिरोध कैरके घमन्डी नै हो।