तिन्हां लोकां खातर सब चिज़ां शुद्ध इयां तिन्हांरे मन जे शुद्ध ये, पर अशुद्ध कने अविश्वासी लोकां खातर किछ बी शुद्ध निआं, काँह्भई तिन्हांरे मन कने अन्तरात्मा दोन्नों अशुद्ध ये।
तियां इ परमेशरा रा हुक्म नीं मनणे औल़े ये लोक ये बोलीने पाप कराँ ये भई तिन्हें दर्शण देखीरा। सै अपणे शरीरा जो अशुद्ध कराँ ये, प्रभुये रे अधिकारा रा इन्कार कराँ ये कने स्वर्गा रे प्राणियां री बुराई कराँ ये।