13 हुनमन बले जाऊन भाती दुसरमन के खबर दिला, मान्तर हुनमन-हुनमन चो बले बिश्वास नी करला।
13 उन न भी जाख दुसराझना ख खबर दियो, पर उन न उनको भी भरोसा नी करयो।
हुनमन हुनचो दरशन पाऊन भाती हुनके जुहार करला, मान्तर कोनी-कोनी के संका होली।
हुनमन ऐ सुनुन भाती कि हुन जीव आसे आउर हुन हुनके दकली से, बिश्वास नी करला।
पाटे हुन-हुन गिआरा झान के बले, जिदलदाय हुनमन खाऊक लाय बसु रवत दका दिलो, आउर हुनमन चो अबिश्वास आउर मन चो कठर उपरे उलाहना दिलो, कसनबल्लोने जोनमन हुनचो जीव उठलोर पाचे हुनके दकु रला, ऐ मन हुनमन चो बले बिश्वास नी करू रला।
हुन हुनचो ले बल्लो, ‘जिदलदाय हुनमन मूसा आउर अगम गिआनीमन चो नी सुनोत, तेबे अगर मरलो बितामन थानले कोनी जीव बले उठ दे तेबले बले हुनचो नी मान दे’।”
मान्तर हुनमन चो गोठमन हुनमन के कहनी असन जान पड़ली, आउर हुनमन-हुनमन चो बिश्वास नी करला।
जिदलदाय हरिक चो मारे हुनमन के बिश्वास नी होली, आउर हुनमन अकचकित होते रवत, तेबे हुन हुनमन ले पूछलो, “काय ऐथा तुमचो लगे काई भात आसे?”
जिदलदाय दुसर चेलामन हुनचो ले बोलुक मुरयाला, “आमी परबु के दकलु से,” तेबे हुन हुनमन ले बल्लो, “जिदलदाय ले मय हुनचो हाथमन ने खिला चो छेदा नी दकें, आउर खिला चो छेदामन ने आपलो अंडकी नी डाले, आउर हुनचो पंजरा ने आपलो हाथ नी डाले, हुदलदाय ले मय बिश्वास नी करें दें।”
तेबे दुसर चेला बले जोन कबर ने पयले पहुँचुन रये, भीतरे गेलो आउर दकुन भाती बिश्वास करलो।