19 संझ होते ची हुनमन नंगर ले बाहरे जाते गेला।
19 साम होते ही वी नगर से बहार निकल गया।
तेबे हुन हुनमन के छांडुन भाती नंगर चो बाहरे बैतनिय्याह ने गेलो आउर हुताय रात बिता लो।
हुन यरूशलेम अमरून भाती मंदिर ने ईलो, आउर भोंवरक सपाय तीजमन के दकुन भाती बारा झान चो संगे बैतनिय्याह गेलो, कसनबल्लोने संझ होऊ रली।
हुन दिन दाय मंदिर ने उपदेश करते रये, आउर राती दाय बाहरे जाऊन भाती जैतून नाव चो डोंगरी उपरे रते रये;
जिदलदाय ले उजर तुमचो संगे आसे, उजर थाने बिश्वास करा बल्ले तुमी उजर चो पिलामन बना।” ऐ गोठमन बोलुन भाती ईशु जाते गेलो आउर हुनमन ले लुकुन नी रलो।