17 तेबे हुन हुनमन के छांडुन भाती नंगर चो बाहरे बैतनिय्याह ने गेलो आउर हुताय रात बिता लो।
17 तब यीसु उन ख छोड़ क सहर को बाहर बैतनिय्याह सहर ख गयो अऊर वहाँ रात गुजारी।
ऐ जुग चो खराप आउर बेबीचारी लोग चिना डगराऊ आत, मान्तर योना चो चिना के छांडुन हुनमन के आउर कोनी चिना नी दिया जाये।” आउर हुन हुनमन के छांडुन भाती गेलो।
जिदलदाय ईशु बैतनिय्याह ने शिमोन कोढ़ी चो घर ने रलो,
जिदलदाय हुन यरूशलेम चो लगे, जैतून डोंगरी उपरे बैतफगे आउर बैतनिय्याह चो लगे ईला तेबे हुन आपलो चेलामन थानले दुय झान के ऐ बोलुन भाती पठालो,
हुन यरूशलेम अमरून भाती मंदिर ने ईलो, आउर भोंवरक सपाय तीजमन के दकुन भाती बारा झान चो संगे बैतनिय्याह गेलो, कसनबल्लोने संझ होऊ रली।
संझ होते ची हुनमन नंगर ले बाहरे जाते गेला।
जिदलदाय हुन बैतनिय्याह ने शिमोन कोढ़ी चो घरे खाऊक लाय बोसलो, तेबे गोटक बायले लेकी संगमरमर पकना चो बनलो कोंड़ी ने जटामांसी चो खुबे मोल चो शुद्ध इतर धरून भाती ईली; आउर बरतन के फुटाऊन भाती इतर के हुनचो मुण्ड थाने रीकाली।
ईशु आपलो चेलामन चो संगे झील बाटे गेलो: आउर गलील ले बड़े भीड़ हुनचो पाट-पाट होली।
जिदलदाय हुनमन जाते रवत तेबे हुन गोटक गाँव ने गेलो। आउर मारथा नाव चो गोटक बायले लेकी हुनके आपलो घर ने हाग दिली।
जिदलदाय हुन जैतून नाव चो डोंगरी थाने बैतफगे आउर बैतनिय्याह चो लगे अमरलो, तेबे हुन आपलो चेलामन थानले दुय झान के ऐ बोलुन भाती पठालो,
तेबे हुन हुनमन के बैतनिय्याह तक बाहरे नीलो, आउर आपलो हाथ उठाऊन भाती हुनमन के आशीष दिलो;
मरियम आउर हुनचो भईन मारथा चो गाँव बैतनिय्याह चो लाजर नाव गोटक माने बेमार ने रये।
बैतनिय्याह यरूशलेम चो लगे कोनी दुय मिल चो दूर ने रये।