6 हुनमन ऐ गोठमन चो काई जबाप नी देऊक सकला।
6 वी असी बात को कुछ जवाब देनू को उनको ओकात नी होतो।
ऐचो जबाप ने कोनी बले गोटक गोठ नी बोलुक सकला। हुन दिन ले कोकीई फेर हुनचो ले काई पचारतोर साहास नी होली।
जिदलदाय हुन ऐ गोठमन बल्लो, तेबे हुनचो सपाय बिरूदी लाज होऊन गेला, आउर पुईतराय भीड़ हुन महिमा चो काममन ले जोन हुन करते रलो, हरिक होली।
हुनमन लोगमन चो पुरे ऐ गोठ ने हुनके धरूक नी सकला, मान्तर हुनचो जबाप ले भक्याऊन भाती ओगाय रला।
आउर हुनमन के फेर हुनचो ले काई आउर पचारतोर हिम्मत नी होली।
कसनबल्लोने मय तुमके असन गोठ आउर अकल देयें दें कि तुमचो सपाय बिरूदी सामना नाहले खंडन नी करूक सक दे।
मान्तर हुन गिआन आउर हुन आत्मा चो जेचो ले हुन गोठयाते रलो, हुनमन सामना नी करूक सकला।