9 हुन हुनमन ले ऐ गोठमन बोलुन भाती गलील ची थाने रऊन गेलो।
9 असो बोल ख यीसु गलील परदेस म ही रैय गयो।
मान्तर जिदलदाय हुनचो भाई परब ने जाते गेला तेबे हुन खुद बले, उजागर ने नाई मान्तर माना गुपत रूप ने गेलो।
तुमी परब ने जाहा; मय ऐबे ऐ परब ने नी जायें, कसनबल्लोने ऐबे तक मोचो समया पुरा नी होली।”