34 (मान्तर सीलास के हुता रतोर अच्छा लागली।)
34 पर सीलास को वाहा रहनू चोक्खो नी हाय
तेबे हुन शाऊल के डगरातो काजे तरसुस ने जाते गेलो।
हुनमन खिन्डिक दिन रऊन भाती भाईमन ले शान्ति चो संगे बिदा होला कि आपलो पठालोबितामन चो लगे जाओत।
मान्तर पौलुस आउर बरनबास अन्ताकिया ने रऊन गेला: आउर दुसर खुबे असन लोगमन चो संगे परबु चो बचन चो उपदेश करते आउर नगतखबर सुनाते रला।
जिदलदाय हुन तय करलो कि हुनपाट उतरून भाती अखाया चो बाटे जाओ तेबे भाईमन हुनके हिम्मत देऊन भाती चेलामन के लिकला कि हुनमन हुनके अच्छा ढंग ले मिलोत; आउर हुन हुता पोंचुन भाती हुन लोगमन चो बड़े सायता करलो जोनमन अनुग्रह चो लागुन बिश्वास करू रला।
भाई अपुल्लोस ले मय खुबे बिनती करले से कि तुमचो लगे भाईमन चो संगे जाओ; मान्तर हुन ऐ समया जातोर काई बले इच्छा नी करलो, मान्तर जिदलदाय मवका पाऐ दे तेबे ऐऊन जाये दे।