मय मुरूक तो बनले, मान्तर तुमी ची मोके ऐ करतो काजे मजबूर करलास। तुमी तो मोके सहरातोर रली, कसनबल्लोने मान्तर मय काई बले नुआय, तेबले बले हुन बड़े ले बड़े पठालोबितामन ले कोनी गोठ ने कम नुआय।
कसनबल्लोने आमचो नगतखबर तुमचो लगे ना मात्र शब्द मात्र ची ने मान्तर सामरत आउर पवितर आत्मा ने, आउर बड़े तय चो संगे पहुँचली से; जसन तुमी जानेसास कि आमी तुमचो काजे तुमचो मंजी ने कसन बनुन जाऊ रऊँ।