अर ईं दुनिया का लुखुं का जन नि बंणा; पर अपड़ा सुचणा का ढंग तैं पिता परमेश्वर कु बदली द्या, ज्यां बट्टी तुम परमेश्वर की भलि, अर लुभौण, अर सिद्ध मनसा तैं मालुम करदी रावा।
त क्य हम मूसा की व्यवस्था पर विश्वास का द्वारा अंत कैरी दींदयां? न! बिल्कुल न! पर हम त व्यवस्था तैं वेको सही महत्व दींणा छा जु पिता परमेश्वर ल मूसा का द्वारा द्ये।