रोमियों 6:15 - गढवली नयो नियम15 त क्य हवे? किलैकि हम व्यवस्था का अधीन न, पर पिता परमेश्वर की दया का अधीन छा, इलै हम तैं पाप नि कन चयणु च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali15 हे मेरा भै-बैंणो, त ईं बात को क्या मतलब च, कि हम नियम-कानून का मुताबिक नि चलद्यां, इलै हम पाप कना रा? तुम मितैं बता क्या या सही बात च? नऽ रे ना इन नि होण चयेणु। हम लोग त पाप का ना, बल्किन मा पिता परमेस्वर की किरपा का अधीन मा छां। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
मि तुम तैं लिखणु छो किलैकि कुछ ईश्वररहित लोग जु गलत सिद्धांत सिखौंदींनि, उ हमारी जानकारी का बगैर हमारा बीच मा छिपी के ऐ गैनी। यु उ लोग छिनी जौका बारा मा पिता परमेश्वर ल कई पीढ़ियों पैली अपड़ा वचन मा बोलि छो, कि उ ऊं तैं दण्ड दयालो। उ पिता परमेश्वर की दया का बारा मा हमारा संदेश तैं बिगड़दींनि, कि यौन सम्बन्धी दुष्ट बरतौ कनु को बहाना बणै साका। उ हमारा एकमात्र स्वामी अर प्रभु यीशु मसीह तैं भि अस्वीकार करदींनि।