रोमियों 3:4 - गढवली नयो नियम4 न! बिल्कुल न! बल्कि पिता परमेश्वर हमेशा सच बुल्द, अर हरेक मनिख झूठो ठैरलो, जन परमेश्वर का वचन मा लिख्युं च, “ज्यांसे कि तु अपड़ी बातों मा धर्मी ठैरा अर न्याय कन बगत तु जय पै।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali4 ना इन कभि नि ह्वे सकदु। सुणा, दुनियां को हरेक मनखि झूठ्ठु साबित ह्वे सकदु च, मगर पिता परमेस्वर ही च जु कि अपणा वचन को पालन करदु, इलै वेतैं सच्चु साबित होण द्या। जन कि पवित्रशास्त्र मा भि लिख्यूं च अर वा बात इन च कि, “हे मेरा परमेस्वर तुम अपणा मामला मा सच्चा छाँ, अर तुम अपणु फैसला बड़ा न्याय से करद्यां।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
यां मा कुई शक नीच कि भक्ति कु भेद गैरु-गम्भीर च, मसीह जु मनिख का रूप मा प्रकट हवे, पवित्र आत्मा का द्वारा पिता परमेश्वर का नौंनो का रूप मा साबित किये गै, स्वर्गदूतों तैं दिखै गै अन्य-जातियों का लुखुं ल देश-देश मा वेको प्रचार कैरी, दुनिया भर का लुखुं ल वे पर विश्वास कैरी अर महिमा का दगड़ा वे तैं मथि स्वर्ग मा उठै गै।
फिलदिलफिया शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख; मि ही उ छो जु पवित्र अर सचै छो, जै मा उ चाबी च जु राजा दाऊद की च। जब मि वीं चाबी तैं लींदु छो अर एक द्वार तैं खुलद त कुई भि वे तैं बंद नि कैर सकद, अर जब मि चाबी लींदु अर एक द्वार बंद कैरी दींदु त कुई भि वे तैं खोल नि सकद, जैका खुल्यां तैं कुई बन्द नि कैर सकद अर बन्द करयां तैं कुई खोल नि सकद, उ यु बुल्द,