14 अपड़ा सतौंण वलो तैं आशीष द्यावा; आशीष द्यावा पर श्राप नि द्यावा।
14 अर ऊं लोगु तैं आसीस द्या, जु तुमतै सतौन्दा छिन, हाँ आसीस ही द्या कैतैं असगार नि द्या।
पर मि तुम मा यु बुल्ण छौं कि अपड़ा बैरियों से प्रेम रखा अर अपड़ा सतौंण वलो कु पिता परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कैरा।
तब यीशु ल बोलि, “हे बुबा यूं तैं माफ कैर किलैकि यु नि जणदींनि कि यु क्य कना छिन” ऊंल वेका कपड़ोंं तैं बंटणु कु पर्ची बणै कि जै तैं जु भि मिललो वे तैं आपस मा बांटि द्याला।
जु तुम तैं गलि द्ये ऊं तैं आशीष द्या, जु तुमारो अपमान करदो ऊं कु परमेश्वर बट्टी प्रार्थना कैरा।
फिर घुंडा टेकि कै ऊंची आवाज मा बोलि, “हे प्रभु यूं तैं यु पाप को भंगारी नि ठैरो।” अर इन बोलि उ मोरि गै।
बुरै तैं अपड़ा मथि जीत हासिल नि कन द्या, पर भलै बट्टी बुरै तैं जीत ल्यावा।
ईं बात को ध्यान रखा कि कुई भि कै दगड़ी बुरै का बदला मा बुरै नि कैर; पर सदनी भलै कनु कु तैयार रावा अर सभियूं दगड़ी भलै कने कोशिश कैरा।
एक ही गिच्चा बट्टी स्तुति अर श्राप दुई निकलदींनि। हे विश्वासी भयों, इन नि हूंण चयणु च।
बुरै का बदला मा बुरै नि कैरा अर न गल्ली का बदला मा गल्ली द्या; पर यांका विपरीत आशीष ही द्या; पिता परमेश्वर ल तुम तैं बुलै कि तुम दूसरों तैं आशीष दे साका। जु तुम इन करदा त पिता परमेश्वर भि तुम तैं आशीष दयालो।