रोमियों 1:21 - गढवली नयो नियम21 ये कारण कि पिता परमेश्वर तैं जनण पर भि ऊंल वे तैं परमेश्वर का रूप मा सम्मान नि दे, अर धन्यवाद नि कैरी, बल्कि बेकार विचार कन लगि गैनी, इख तक कि उ उन नि सुचदा जन ऊं तैं सुचण चयणु च, उ सै रीति बट्टी नि सुचदींनि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali21 किलैकि ऊ परमेस्वर तैं जणदा छिन, मगर ऊंन वेतैं वु आदर-सम्मान नि दिनी जु कि वेको च अर ना ही ऊंन वेको धन्यवाद कैरी। मगर वु लोग त वेका बारा मा बुरा विचार रखण लगि गैनी अर इनकै ऊंका मनों मा अन्धेरु समै गै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तुम जंणदा छा कि पिछला बगत मा तुम एक निकम्मा ढंग ल जीवन जींणा छा, एक इन ढंग ल जु ऊं लुखुं का द्वारा तुम तैं दिये गै जु तुम बट्टी पैली रौंदा छा। पर तुम तैं वे बेकार जीवन बट्टी छुड़ै गै। तुम तैं सोना या चाँदी जन नाश हूंण वली चीजों बट्टी नि खरीदे गै, पर मसीह का बहुमूल्य ल्वे बट्टी, जु एक शुद्ध अर सिद्ध चिनखा का जन छो।