दिब्य दरस 7:17 - गढवली नयो नियम17 किलैकि चिनखो जु सिंहासन का बीच मा च, उ ऊंकी देखभाल करलो, उन ही जन एक चरवाहा अपड़ा ढिबरो की देखभाल करद; अर उ, ऊं तैं ताजा पांणी पींणु कु लिजालो जु लुखुं तैं जीवन दान दींद, अर पिता परमेश्वर ऊंकी आँखों बट्टी सभि आँसूओं तैं फूंजी दयालो।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali17 किलैकि मेम्ना जु की राजगद्दी का बीच मा च, उ ऊंको चरवाह होलु, अर ऊंतैं जीवन का छोया का पास लेके जालु। अर पिता परमेस्वर ऊंका आंख्यों बटि सब आंसुओं तैं फुंजी द्यालु।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जन के चरवाहा अपड़ा ढिबरों की रखवली करद, उन ही तुम तैं भि हर एक की रखवली कन चयणी च जन पिता परमेश्वर ल तुम तैं देखभाल मा रखि। इन तुम अपड़ी इच्छा ल कैरा, किलैकि पिता परमेश्वर यु ही चांद कि तुम इन ही कैरा। इन भस इलै नि कैरा किलैकि तुम तैं इन कनु कु मजबूर किये गै। यु काम इलै नि कैरा किलैकि तुम धन कमौण चदयां पर पिता परमेश्वर अर लुखुं की सेवा कने की इच्छा का दगड़ी किया कैरा।
यु उ छिनी जु पवित्र जीवन तैं ज्यन्दींनि। यु ऊं लुखुं का जन छिनी जौनु एक बार भि नाजायज सम्बन्ध नि बणैंनि अर न ही ऊंल कभी कै चीज कि पूजा कैरी, उ भस चिनखो ही जंणद कि जख कखी चिनखो जांद, यु लोग वेका ही पिछनै औंदींनि। यु उ छिनी जौं तैं धरती का सभि आदमियों बट्टी अलग किये गै। जन लोग अपड़ा पुंगड़ो की फसल कु सबसे अच्छो भाग पिता परमेश्वर तैं दींदिनि उन ही यु लोग भि अपड़ा जीवन तैं पूरी पवित्रता का दगड़ी पिता परमेश्वर अर चिनखा तैं दींदिनि।