दिब्य दरस 7:11 - गढवली नयो नियम11 सैरा स्वर्गदूत सिंहासन का चौ तरपां अर दाना-सयाणों अर चार ज्यून्दा प्राणियों का चौ तरपां खड़ा छा, फिर उ सिंहासन का संमणी मुख का बल गिरिनि अर पिता परमेश्वर की आराधना कैरी, ऊंल बोलि, အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali11 अर राजगद्दी का चौतरफि सब स्वर्गदूत, अध्यक्ष अर चरी पराण खड़ा होयां छा, अर ऊंन राजगद्दी का समणि भ्वीं मा पोड़ि के पिता परमेस्वर की भक्ति कैरिके बोलि कि, အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |