दिब्य दरस 5:8 - गढवली नयो नियम8 जब वेल किताब (चाम्रपत्र) लींनि, त उ चरी ज्यून्दा प्राणी अर चौबीसों दाना-सयाणों ल वे चिनखा का संमणी झुकि गैनी; हर एक दाना-सयणां ल एक वीणा अर सोना कु बणयुं कटोरा पकड़यूं छो। कटोरा धूप ल भुरयां छो जु ऊं लुखुं की प्रार्थनाओं तैं बतांद जु पिता परमेश्वर का छिनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali8 अर जब वेन वु ले, त चार ज्यून्द पराण अर चौबीस अध्यक्ष मेम्ना का समणि भ्वीं मा पोड़ि गैनी। अर हर अध्यक्ष का हाथ मा बीणा अर सोना का कटोरा छा, जु कि धूबत्ती से भोर्यां छा जैको मतलब बिस्वासी लोगु की प्रार्थना से च। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
तब मिल कुछ देखि जु समुद्र का जन दिख्यौन्दु छो अर कांच का जन चमकणु छो अर वेमा आग भि मिल गै छै। मिल ऊं लुखुं तैं भि देखि जु जानवर बट्टी नि हारी छा। ऊंल जानवर की अर वेकी मूर्ति की आराधना नि कैरी छै, अर ऊं पर जानवर का नौं की संख्या कु चिन्ह नि लगै गै छो। उख उ वे समुद्र का छाला पर खड़ा छा अर ऊं सभियूं की एक वीणा पकड़ी छै जु पिता परमेश्वर की ऊं तैं दीं छै।