दिब्य दरस 3:17 - गढवली नयो नियम17 तू बुल्दी छै कि तू धनवान छै अर त्वे मा उ सब कुछ च जै की त्वे तैं जरूरत च, पर सचै य च कि तू अंधा जन छै, तू नि जणदी कि तू हकीकत मा कन छै। त्वे पर तरस आंण चयणु। किलैकि तू गरीब छै, यांको मतलब यो च कि त्वे मा विश्वास की कमी च तू ऊं लुखुं का जन छै जौं मा कपड़ा नि छिनी। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali17 किलैकि तुम बुल्द्यां कि, मि सेठ छौं अर अपणी कोसिस से मिन भौत दौलत हासिल कैरियाली, अर अब मितैं कैं भि चीज कि जरुरत नि च, मगर तुम इन नि जणद्यां कि तुम लाचार, अर बदकिस्मत छाँ अर भौत गरीब, अन्धु अर नंगा छाँ। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
हे विश्वासी भयों, कखि इन नि हो कि तुम अपड़ा आप तैं भौत बुद्धिमान समझी ल्यां। इलै कि मि तुम लुखुं पर यु भेद प्रगट कन चांणु छों, कि यु सच च कि भौत सा इस्राएल का लोग विश्वास कनु कु तैयार नि छिनी, बल्कि परमेश्वर पर विश्वास कन वला अन्यजाति लुखुं की गिणती पूरी हवे जाली, त इस्राएल का लोग विश्वास करला अर परमेश्वर मा वापिस ऐ जाला, तब तक इस्राएल कु एक हिस्सा इन ही कठोर रालो।
दुष्टात्माओं का शासकों तैं अर ऊंकी सेनाओं तैं वीं जगह पर कठ्ठा कैरी जै तैं इब्रानी भाषा मा हर-मगिदोन बुल्दींनि। इलै प्रभु यीशु ल बोलि, “य बात सूंणा। मेरू आंण चोर का जन अचानक होलो। धन्य च उ आदिम जु मेरा आंण पर बिज्यूं हो, अर अपड़ा कपड़ोंं तैं तैयार रखो। तब उ नंगी नि होला अर कुछ भि ऊं तैं शर्मिंदा नि करलो चाहे उ भैर भौत स लुखुं का बीच मा भि किलै नि जौं।”