दिब्य दरस 3:1 - गढवली नयो नियम1 सरदीस शहर की मण्डलि का दूत तैं लिख; “यु संदेश वेका तरपां बट्टी च जु सात गैणों तैं अपड़ा हथ मा ले के रखद अर जु पिता परमेश्वर का सात आत्माओं तैं भिजद, यु बुल्द कि मि जंणदु छो कि तू क्य करदी, कि तू मेरू विश्वासयोग्य विश्वासी प्रतीत त हूंदी, पर हकीकत मा तू अब मेरू अनुसरण नि करदी।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali1 अर फिर यीशु न मिकू इन बोलि कि, “सरदीस नगर मा रौण वळा बिस्वासी समुदाय का दूत खुणि इन लिख कि: “यीशु जैका पास परमेस्वर की सात आत्मा छिन अर सात गैंणा भि उ इन बुल्दु कि: “मि तुमरा कामों तैं जणदु छौं अर लोगु की नजर मा तुम ज्यून्दा त छाँ मगर छाँ तुम मुरयां का जन। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जब यु लोग प्रभु का प्रेम तैं याद कैरी के तुम दगड़ी प्रीति भोज मा खांणु खंदींनि, त यु ऊं खतरनाक चट्टानों का जन छिनी जु समुद्र का मूड़ी छिपियां छिनी जु तुम्हरा डुबणों को कारण बंणि सकदींनि। उ ऊं बेशर्म चरवाहों का जन छिनी जु भस अपड़ी ही चिन्ता करदींनि। उ ऊं बादलों का जन छिनी जु धरती पर बरखा करयां बगैर भस गरजणा रौदींनि। उ ह्यूंद का मौसम का डाला जन छिनी जु द्वी तरपां बट्टी मुरयां हूंदींनि, किलैकि उ कुई फल नि दींदिनि अर जौड़ा बट्टी उखड़ जंदींनि।
मि जंणदु छो कि तेरु शहर शैतान का वश मा च, पर यांका बावजूद तिल मि पर अपड़ा विश्वास तैं कसी के पकड़ी के रखि अर तिल मेरी शिक्षाओं तैं नि छोड़ी, इख तक कि तब भि न जब भौत बगत पैली अन्तिपास की हत्या किये गै छै। उ मेरा वचनों का प्रचार कन मा विश्वासयोग्य छो, इलै वे तैं तेरा शहर मा मरै गै जु शैतान का वश मा च।