दिब्य दरस 20:11 - गढवली नयो नियम11 फिर मिल एक सफेद सिंहासन देखि जै पर पिता परमेश्वर विराजमान छो। पर उख जख पिता परमेश्वर विराजमान छो, उख धरती अर आसमान सब गायब हवे गै, अर कैल भि वे तैं फिर नि देखि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali11 तब मिन सफेद रंग की एक बड़ी राजगद्दी देखि, और परमेस्वर वेमा बैठयूं छौ। अर वेका होण से धरती अर आसमान भागी गैनी अर ऊंतैं कखि जगा नि मिली। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
वेल वे अजगर तैं पकड़ी दींनि जु उखी छो जु भौत बगत पैली एक गुरो का रूप मा प्रगट हवे छो, जै तैं शैतान भि बुल्दींनि। वेल वे तैं संगलों ल बंधि अर अथाह कुण्ड मा फेंक दींनि। यांका बाद वेल ऊं तैं बंद कैर दींनि अर भितर जांणवला द्वार पर मोहर लगै दींनि कि एक हजार साल पूरा हूंण तक वेमा जाति-जाति का लुखुं तैं धोखा दींण कु कुई ढंग नि हो। जब उ पूरो हवे जालो त वे तैं दुबरा आजाद किये जालो, पर भस थोड़ा देर कु।