अर वचन देहधारी हवे अर दया अर सचै बट्टी पूरो हवे के हमारा बीच मा डेरो कैरी और वेकी महिमा इन छै जन बुबा (परमेश्वर) कि तरपां बट्टी अयां एकलौता नौंना की महिमा।
हम एक इन मनिख का बारा मा लिखणा छा, जु जीवन को वचन च, उ पैली बट्टी छो, जै तैं हम ल सूंणि, अर जै तैं अपड़ा आँखों ल देखि, बल्कि जै तैं हम ल ध्यान से देखि अर हथों ल भि छवे।
अंगूरों तैं शहर बट्टी भैर निचोड़ै गै। उख-जख अंगूरों तैं निचोड़ै गै छो, उख बट्टी जु ल्वे निकली, उ एक इथग गहरा धारा मा बोगि कि घोड़ों का लगामों तक पौंछि गै, अर तीन सौ (300) किलोमीटर तक चलि गै।