दिब्य दरस 18:22 - गढवली नयो नियम22 बाबेल शहर, तेरी गलियों मा दुबरा फिर कभी भि संगीत सुणै नि दयालो, वीणा अर गायकों का संगीत, बंसुरी अर तुरही को संगीत नि होलो। तेरा सभि कुशल काम कन वला गायब हवे जाला, अर तुम्हरी चक्की मा पिसणु कु अनाज नि होलो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali22 अर अब बटि त्वेमा फिर से गीत गाण वळो, बीणा अर बांसुळि बजौण वळो, अर ना ही बिगुले की आवाज फिर से कभि सुण्यालि। अर ना ही कै कारीगर को कुई काम त्वेमा होलु, अर ना ही अब से त्वेमा चक्की की आवाज सुण्यालि। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |