दिब्य दरस 18:21 - गढवली नयो नियम21 फिर एक तागतबर स्वर्गदूत ल बड़ी चक्की का पाट का संमणी एक ढुंगो उठै, अर यु बोलि, के समुद्र मा ढोल दींनि, “महान शहर बाबेल तैं भौत हिंसा का दगड़ी नष्ट कैर दींनि। उ शहर दुबरा कभी वापिस नि बसलो। अर दुबरा फिर कभी वेको पता नि मिललो। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali21 “तब एक ताकतबर स्वर्गदूत न जन्दरा का पाट की तरौं एक बड़ु डांग उठे के समुन्दर मा ढोळि, अर बोलि, “‘हे बड़ा नगर बेबीलोन, त्वेतै भि इन्नि ढुळै जालु, अर तेरु फिर कभि भि पता नि चलण। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |