दिब्य दरस 18:19 - गढवली नयो नियम19 अर ऊंल अपड़ो दुःख दिखांणु कु अपड़ा मुंड पर धूल डाली, अर रौवे के अर विलाप कैरी के चिलै-चिलै के बुलला, “हाय! हाय! यु बड़ो शहर वीं का बड़ा धन का कारण, हर एक जै मा समुद्री जहाज छो, उ धनवान हवे गैनी। थोड़ा ही बगत मा, वींको सभि धन चलि गै।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali19 “तब ऊ अपणा मुण्ड़ मा माटु डलला, अर रुवाला अर बड़ु शोक करला अर चिल्लै-चिल्लै के बुलला, “‘हे बड़ा नगर, त्वे पर हाय च, तू जैकी धन-दौलत से सब जाज वळा सेठ ह्वे गै छा, तू एक घन्टा मा ही नास ह्वे गै।’ အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |