वेको सुप्पो वेका हथ मा च अर उ अपड़ा खलिहान तैं अच्छा ढंग से साफ करलो अर ग्यूं को बीज तैं अपड़ा भंडार मा कट्ठा करलो पर भूसा तैं आग मा फूंकी दयाला ज्वा बुझी नि सकदी।”
वेको सुप्पो वेका हथ मा च अर उ अपड़ा खलिहान तैं अच्छा ढंग से साफ करलो अर ग्यूं का बीज तैं अपड़ा भंडार मा कट्ठा करलो पर भूसा तैं वीं आग मा फूंकी दयाला जु कभी नि बुझदि।