किलैकि उ कई बार बेड़ियों ल अर संगळु ल बंधे गै छो, पर वेल संगळु तैं तोड़ी दींनि अर संगुळों का टुकड़ा-टुकड़ा कैरी दींनि अर कुई वे तैं अपड़ा वश मा नि कैरी सकदु छो।
तुम अपड़ा बुबा शैतान बट्टी छा अर अपड़ा बुबा कि मनसा तैं पूरी कन चांदा छा उ त पैली बट्टी हत्यारो च अर उ सत्य पर टिक्यूँ नि रै सकद किलैकि वे मा सत्य ही नि च जब उ झूठ बुल्द त अपड़ा स्वभाव या बरतौ का अनुसार ही से बुल्द किलैकि उ झूठ को बुबा च।