किलैकि उ कई बार बेड़ियों ल अर संगळु ल बंधे गै छो, पर वेल संगळु तैं तोड़ी दींनि अर संगुळों का टुकड़ा-टुकड़ा कैरी दींनि अर कुई वे तैं अपड़ा वश मा नि कैरी सकदु छो।
किलैकि उ वीं दुष्टात्मा तैं वे मनिख बट्टी निकलणै की आज्ञा दींणु छो इलै की व आत्मा वे पर बार-बार औंदि छै अर जबकि लोग वे तैं संगलों ल बंधदा छा तब भि उ बन्धनों तैं तोड़ी दींदु छो अर अशुद्ध आत्मा वे तैं एकांत जंगल मा भगौंदि छै।