मरकुस 5:13 - गढवली नयो नियम13 अर वेल ऊं तैं आज्ञा दींनि अर दुष्टात्मा निकली के भैर ऐ गै अर सुंगरु मा बैठी गै अर उ झुण्ड जु कुई द्वी हजार का लगभग रै होलो उ डांडा पर बट्टी झपटी के झील मा पड़ि गै अर डुबि के मोरि गै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali13 अर वेन ऊंतैं इजाजत दे दिनी। तब खबेसों की पलटण वे मनखि मा बटि निकळि के सुंगरों मा बैठि गैनी, अर सुंगरों को वु पूरु झुण्ड भौत तेजी से भ्योळ जनै भागी, अर वु सभ्या का सभि मूड़ी झील मा लमडी गैनी अर डुबी के मोरि गैनी। अर ये झुण्ड की संख्या दुई हजार का लगभग छै। အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |
जब हजार साल खत्म हवे जाला त स्वर्गदूत, शैतान तैं उख बट्टी जख उ बंधयूं च, आजाद कैरी दयालो, अर उ, ऊं देशों की जातियों तैं धोखा दींणु कु भैर ऐ जालो जु पूरी दुनिया मा बिखरयां छिनी। यूं देशों तैं गोग अर मागोग बुलै जांद शैतान ऊं सभियूं तैं एक जगह पर कठ्ठा करलो जख उ लड़ै करला। उ भौत सैरा होला इन कि कुई ऊं तैं समुद्र का किनारा की बल्ला का जन गिणी भि नि सकलो।