ईं बात पर सब लोग अचम्भो कैरी कै आपस मा एक दुसरा तैं पुछण लगि गैनी, “कि या क्य बात च? यु त कुई नयो उपदेश च जु बड़ा अधिकार का दगड़ी दुष्टात्मा तैं भि झिड़की दींणु च अर उ वेकी झिड़की मणदी छिन।”
पर उ भैर जै के यूं बातों कु भौत सारा लुखुं मा प्रचार कन लगि गै, कि यीशु फिर खुलि के और शहरों मा नि जै सैकी, पर भैर एकांत जंगली जगहों मा रै अर सभि जगह बट्टी लोग वेमा औंणा रैनी।