मत्ती 9:17 - गढवली नयो नियम17 अर लोग नई दाखमधु तैं पुरणी छाकल मा कुई नि रखदु नथिरी दाखमधु छाकल तैं फाड़ी दयालो अर दाखमधु अर मश्क द्वी बरबाद हवे जालि पर नई दाखमधु नई चमड़ा कि थैलि मा भुरदिन अर उ द्वी बचि रंदिन।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။Garhwali17 अर ठिक उन्नि कुई भि नयू अंगूरों को रस पुरणा चमड़ा का थैला मा नि भोरदु। अर अगर भोरलु, त नयू अंगूरों को रस पुरणा चमड़ा का थैला तैं फाड़ी देन्दु। अर चमड़ा को थैला भि खराब ह्वे जान्दु अर रस भि बोगि जान्दु। इलै नयू अंगूरों को रस नया चमड़ा का थैलों मा भोरण चयेणु, ताकि थैला अर रस दुईया का दुई बच्यां रा।” အခန်းကိုကြည့်ပါ။ |