10 इन्ही कुई भि आदिम अपड़ा नौंना तैं माछा मांग त वे तैं जहरीला गुरो नि दींद।
10 या जब वेको नौनु माछु मांगु, त उ वेतैं गुरौ द्यो?
जब तुम बुरा हवे के अपड़ा नौंना बालों तैं भलि चीज दींण जंणदा छा त तुमारो स्वर्गीय बुबा अपड़ा मंगण वलो तैं भलि वस्तु किलै नि दयाला?
तुम मा बट्टी इन कु आदिम च की जु वेको नौंना तैं जु वे बट्टी रुठी मानगो त उ वे तैं ढुंगो दयालो।
और जै ढंग से मूसा ल एकांत जंगल म पीतल कु गुरो तैं ऊँचा पर चड़ै वे ही ढंग से जरूरी च कि मि मनिख कु नौंनो भि ऊँचा पर चड़ै जौं।
पर मि डरदु छो कि जन के शैतान ल, एक गुरो का रूप मा चालाकी ल पैली जनन हव्वा तैं बहकै, उन के ही तुम लुखुं का मन भि बहकै दिये जौं अर आप मसीह का प्रति अपड़ी निष्कपट अर सच्ची भक्ति ख्वे द्यो।